मंगलवार, 28 फ़रवरी 2012

होम ऑफिस इंटीरियर



डॉ. अनुजा भट्ट
  जब घर पर ऑफिस बनाने की बात आती है तो सबसे पहले हम घर में एक ऐसी जगह की तलाश करते हैं जहां एकांत हो और आराम से बैठकर काम किया जा सके। पर इतना ही काफी नहीं है। हमको होम आफिस के इंटीरियर पर भी ध्यान देना होगा ताकि वह देखने में भी सुंदर लगे। और हमको ऑफिस का जैसा अहसास  हो।
इस कमरे में  पर्दे की जगह पर हम वुडन ब्लाइंड्स लगा  सकते है। अगर रोशनी कम लगे तो इसको खींचकर ऊपर किया जा सकता है। आमतौर पर यह आफिस में  प्रयोग में लाई जाती है। इसके अलावा कुछ  इनडोर प्लांट्स भी लगाएं।  ताकि हरियाली  भी दिखाई दे।
 दीवारों पर  पेटिंग लगाएं। जिस कमरे में आफिस हो  वहां  बैठने की भी व्यवस्था हो और साथ ही एक काफी टेबल हो जिस पर फूलदान रखा हो । इसमें नियमित ताजे फूल लगाए जाएं।  ताजे फूल रचनात्मकता का प्रतीक होते है। हर दिन नया रचने का संदेश  भी देते है सबसे बड़ी बात मन को सुकून देते है। यह ऑफिस ऐसा हो जिसमें आप अपने क्लाइंट से मुलाकात भी कर सकें। खूबसूरत फर्नीचर, मजबूत और आरामदेह कुर्सियां, कंप्यूटर टेबल, प्रिंटर, फैक्स, फोन रखने की जगह सुविधाजनक हो। ताकि काम करने के दौरान तकलीफ न हो। याद रखिए यहां सारी व्यवस्था आपको करनी है  क्योंकि आफिस भी तो आपका है।
 आजकल बाजार में मीडिया हाउस भी ऐसी क्राकरी, स्टेशनरी  बनवा रहे है जिसमें  आफिस का टच रहता है। विश्व पुस्तक मेले में एनबीटी ने  ऐसे मग  प्रदर्शनी के लिए रखे है जिसमें आई लव बुक्स जैसे स्लोगन लिखे हैं। इसी तरह पढ़ाई-लिखाई और किताब पढऩे के लिए प्रेरित करने वाली  टी-शर्ट भी पेश की गई हैं। हमारे रोजमर्रा की जरूरतों के साथ यदि पढ़ाई लिखाई की जरूरत को भी अहं मान लिया जाए और उसका प्रचार किया जाए तो इसका असर पड़ेगा। जो चीज निगाह में सबसे पहले आती है बार- बार आती है हम उसके प्रति प्रेरित होते हैं  विज्ञापन का यही असर है। और यदि ऐसे मग,  पेंसिल, रबड़, कॉपी  आपके ऑफिस में हों तो फिर रचनात्मक असर तो होगा ही। आपकी टेबल के सामने भी रचनात्मक स्लोगन होने चाहिए । यह स्लोगन आपको इंटरनेट से मिल सकते है या खुद आप अपने लिए स्लोगन लिख भी सकते हैं। ये स्लोगन आपके टारगेट को पूरा करने  में आपकी मदद करेंगे।  कारपेट, रग,  घड़ी  इनको खरीदते समय भी रचनात्मकता  का ध्यान दें।  घड़ी आपकी टेबल के सामने होनी चाहिए।  मोबाइल स्टेंड चार्जर भी जरूरी है ताकि घंटी बजने पर इसे खोजने में  समय न लगे।

मंगलवार, 21 फ़रवरी 2012

लकी बैम्बू से घर में आएगी बहार

  लकी बैम्बू का पौधा फेंगशुई में एक खास पौधे के रूप में जाना जाता है। माना जाता है कि यह घर में सुख समृद्धि लाता है इसीलिए इसका नाम लकी प्लांट भी है। कहते हैं, इसे घर में रखने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इसके अलावा आपके घर को सजाने और ताज़गी भरा अहसास बरकरार रखने में भी ये अहम हो सकता है। ज़्यादा दिनों तक इस पौधे को हरा-भरा बनाए रखने के लिए इसकी सही देखभाल ज़रूरी होगी, जैसे-
बाजार में मिलने वाले बैम्बू के पौधे एक विशेष तरह की जैली में रखे होते हैं, जो इनकी तली को अधिक देर तक नम बनाए रखने में मददगार होती है। लेकिन बहुत ज्यादा दिनों तक यदि पौधे को एक ही जैली में रखा जाए, तो यह सड़ जाते हैं। इसलिए घर लाने के बाद पौधे को जैली से अलग करें, फिर जड़ों को अच्छी तरह धोने के बाद बैम्बू को पानी से भरे बोल में डाल दें।


प्रकाश और पानी की उचित मात्रा पौधे को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है। कम से कम आठ घंटे मद्धम रोशनी  इसके लिए ज़रूरी है। इसके अलावा यदि बैम्बू छोटा है, तो एक इंच तक पानी काफी होगा। वहीं पौधे के बड़ा होने पर 3-4 इंच तक पानी डालें।
पौधे को हरा-भरा रखने के लिए साधारण के बजाय फिल्टर पानी का इस्तेमाल करें। साधारण पानी में मौजूद सॉल्ट (लवण) इसकी जड़ों में जम जाता है और धीरे-धीरे पौधे को नुकसान पहुंचाने लगता है।
हफ्ते में कम से कम दो बार ध्यान से बैम्बू के पौधे का पानी बदलते रहें। कभी भी बैम्बू ट्री को ऊपर या नीचे से न काटें। इससे भी बैम्बू पीला पड़ जाता है।
तो देर मत कीजिए, बैम्बू स्टिक से अपना घर सजाइएँ और फेंगशुई से होने वाले फायदों का लाभ उठाइएँ। आजकल अधिकांश लोग अपने कमरों में फूल के पौधे या किसी और सजावटी पेड़ों को लगाने के बजाए बैम्बू स्टिक को लगाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। यह तीन तरह के साइज में मिल रहा है। छोटे वाले बैम्बू स्टिक पॉट की कीमत 50 रुपए, मीडियम साइज वाला 70से 150 रुपए और बड़े 500 से 700 रुपए में मिलता है।

वागीशा कंटेंट प्रोवाइडर कंपनी, नोएडा, उत्तरप्रदेश।

रविवार, 19 फ़रवरी 2012

आभार


प्रिय मित्रों,
 आप सभी का आभार। आज वागीशा ने अपने पाठकों की संख्या 10,000  पार कर ली। यह सब आप सभी के सहयोग के बिना संभव नहीं था।   मात्र 3 माह में  यह आंकड़ा दर्शाता है कि आप वागीशा के प्रति कितने संजीदा है। वागीशा के हर कदम में आपने सहयोग किया। फिर चाहे वह समाज सरोकार का बात हो, लालनपालन की बात हो, साजसज्जा की बात हो, बाल साहित्य हो या खानपान की दुनिया हो या फिर  कुछ और।  हम बहुत जल्दी ही इसका विस्तार एक वेब मेग्जीन के रूप में करने जा रहे हैं जिसका नाम है अपराजिता।
 एक बार फिर से आप सभी का आभार
 आपकी अनुजा

मंगलवार, 14 फ़रवरी 2012

खास है दिन आज का पर भूलें नहीं ये चंद बात



 आज का दिन खास है । इस दिन अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करने के लिए लोग एकदूसरे को उपहार देते है। आप सबने यह तैयारियां जोर शोर से की होगीं। बाजार में वैसे भी इस समय कई तरह के गिफ्ट आइटम है। ऐसे में यह सोचना जरूरी है कि जिसे हम उपहार दे रहे हैं उसकी क्या रुचियां हैं। इसीलिए किसी को उपहार देते समय उसकी आयु, रुचि और पसंद-नापसंद आदि का विशेष रूप से खयाल रखना चाहिए।
 जिनके साथ अनौपचारिक संबंध हों उन्हें उपहार देते समय उनकी जरूरत का भी ध्यान रखें, लेकिन जिनके साथ औपचारिक संबंध हों उनके लिए उपहारों का चुनाव करते समय विशेष रूप से सजगता बरतें। ऐसे लोगों को ड्रेस या रोजमर्रा की जरूरत की दूसरी चीजें देने के बजाय बुके, पेन, शो पीसेज आदि देना ज्यादा अच्छा रहता है।
 जरूरी नहीं कि आप हमेशा महंगे उपहार ही दें। आप अपनी सुरुचि और कलात्मक सूझबूझ का परिचय देते हुए कम कीमत में भी उपहार देने के लिए सुंदर वस्तुएं खरीद सकती हैं। इस लिहाज से हस्तशिल्प से बनी वस्तुएं बहुत अच्छी साबित होती हैं।
 उपहार चाहे मामूली ही क्यों न हो, पर उसे हमेशा आकर्षक ढंग से पैक करना चाहिए। इससे लेने और देने वाले दोनों व्यक्तियों को खुशी मिलती है।
 यह जरूरी नहीं है कि उपहार के रूप में हमेशा बाजार से कोई सामान ही खरीदकर दिया जाए। अगर आपकी कोई सहेली पढने की शौकीन है तो उसकी रुचि से संबंधित पत्रिका का सब्सक्रिप्शन उसे उपहार स्वरूप दें। अगर आपकी भाभी अपने सौंदर्य के प्रति सचेत हैं तो उन्हें किसी अच्छे ब्यूटी पॉर्लर का पैकेज गिफ्ट वाउचर दे सकती हैं। इसी तरह बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए किसी बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम का उपहार और धार्मिक प्रवृत्ति वाले बुजुर्गो के लिए किसी तीर्थस्थल की यात्रा के पैकेज टूर का टिकट बहुत अच्छा उपहार साबित होगा।
 अंत में, सबसे जरूरी बात यह है कि उपहार से प्राइस टैग हटाना न भूलें और उपहार देने के बाद लेने वाले व्यक्ति से बार-बार अपने उपहार का जिक्र न करें। इससे वह असहज महसूस कर कर सकता है।
उपहार लेते समय
 उपहार की कीमत से कहीं ज्यादा देने वाले व्यक्ति की भावनाओं की अहमियत होती है। भले ही उपहार आपको पसंद न आए, फिर भी देने वाले की भावनाओं का सम्मान करते हुए गिफ्ट लेते समय देने वाले को धन्यवाद देना न भूलें।  अगर कोई व्यक्ति कुरियर या पार्सल के माध्यम से आपके लिए उपहार भेजे तो फोन से उसे धन्यवाद सहित प्राप्ति की सूचना देना न भूलें।  अपने करीबी लोगों द्वारा दिए गए उपहार का इस्तेमाल करने के बाद उन्हें यह जरूर बताएं कि आपने उनके उपहार का इस्तेमाल कर लिया है। इससे देने वाले को बहुत खुशी मिलेगी। अगर कोई आपको उपहार दे तो उसके सामने ही पैकिंग न खोलें। अगर कभी ऐसा करना ही हो तो पहले देने वाले की इजाजत जरूर लें। जब कोई उपहार दे तो उससे, इसकी क्या जरूरत थी, यह सामान तो पहले से मेरे पास था, यह तो बहुत महंगा होगा जैसे जुमले कहने के बजाय उसके सामने अपनी खुशी का इजहार करें। इससे उपहार देने वाले व्यक्ति को भी अच्छा लगेगा।
 वागीशा कंटेंट प्रोवाइडर कंपनी, नोएडा।

सोमवार, 6 फ़रवरी 2012

सजे घर, कहे मन की बात


खास मेहमान का खास स्वागत आज से लेकर 14 तारीख तक हर दिन खास है। आज गुलाब की पंखुरी में फैला प्यार का रंग है तो कल अपने मन के राज खोल देने का दिन। फिर चॉकलेट को शेयर करने का खास दिन  है तो फिर अपने टेडी के लिए एक अनोखा दिन । 11  को एक दूसर से वादा लेने और करने का दिन और फिर 12 को है गले मिलने का दिन इसके ठीक दूसरे दिन एक चुंबन का। देखिए दिन बीते और आ पहुंचा वैलेंटाइन डे।
 शाम के खाने पर खास मेहमान आ रहे हैं और आप चाहती हैं कि टेबल सज्जा कुछ अलग प्रकार की हो। विशेष रुप से  जो उनको पसंद आए और कुछ रोमांटिक हो तो अपनाइए कुछ खास टिप्स 
* अपनी लंबी आयताकार टेबल पर लंबा टेबल क्लॉथ बिछाएँ। इस पर तीन सिल्वर रनर लगाएँ। इस टेबल पर सिल्वर कटलरी अच्छी लगेगी जिस पर सुनहरे रंग की किनोर हो। नेपकिन पर सुनहरे रंग का नेपकिन रिंग लगाएँ।
* इस टेबल की मुख्य सजावट फूलों से की जाएगी जो टेबल पर इस कोने से उस कोने तक सजाएँगे। सफेद शेवंती, आर्किड, जरबेरा, फर्न तथा कुछ बेलों की टहनियों को इस तरह लगाएँ जिससे फुलवारी का सा अहसास हो।
* पूरे टेबल को खास रोमांटिक अंदाज देने के लिए इस पर बड़ी-बड़ी सुनहरी मोमबत्तियाँ लगाएँ और पूरे टेबल पर गेंद के आकार की सुनहरी छोटी-छोटी मोमबत्तियाँ लगाएँ।
चीन में चाय छोटे-छोटे काले रंग के प्यालों में परोसी जाती है। एक बड़ी डिश में स्नैक रखे जाते हैं इस डिश में छेद होते हैं इसे भाप वाले बर्तन के ऊपर रखा जाता है। साथ में लकड़ी तथा हाथी दाँत की चॉपस्टिक भी रखी जाती हैं।
* चाय की टेबल बहुत छोटी होती है लेकिन इस पर सब कुछ सुविधाजनक रूप से रखा जा सकता है। चायना सिल्क का टेबल क्लॉथ बिछाएँ। टेबल के आसपास बेंबू प्लांट रखेंगी तो चाय का मजा दुगुना हो जाएगा।
सबसे पहले तो टेबल को फूलों से सजीव बनाते हैं। मैरून तथा पीले रंगों के गुलाबों से पोर्सिलीन के प्याले सजाएँ। नेपकिन होल्डर सिल्वर प्लेटेड होने चाहिए। नेपकिन बीज रंग के ओरगेंजा होने चाहिए।
* यदि  डिनर की व्यवस्था कर रहीं हैं तो आप को रंगों का खूबसूरती से चयन करना चाहिए जो क्राकरी तथा मोमबत्तियों के माध्यम से प्रकट होगा। पूरा लुक रंगबिरंगा होना चाहिए तथा टेबल मैट हैंड पेंटेड होना चाहिए। इससे वातावरण में अपनेपन और सहजता का अहसास होगा।
* टेबल को दीयों और मोमबत्तियों से सजाएँ। काँच के प्यालों में तैरते फूलों की सुगंध के बीच भोजन करने का आनंद आपके अतिथियों को भावविभोर कर देगा
टेबल सेटिंग-आप डायनिंग टेबल को दो तरह से सेट कर सकती हैं। एक वेस्टर्न स्टाइल दूसरा इंडियन।
वेस्टर्न स्टाइल टेबल क्लॉथ-अगर टेबल का टॉप ग्लास या मार्बल का है, तो ढकने की जरूरत नहीं है। टेबल क्लॉथ का इस्तेमाल करना चाहती हैं तो व्हाइट या पेस्टल कलर्स का ही चयन करें। ऎसा बैकग्राउंड भोजन को एलिगेंट और सिम्पल लुक देता है।
टेबल मैट्स-टेबल क्लॉथ या मैट्स में से किसी एक का ही इस्तेमाल करना ठीक रहता है। हालांकि आजकल दोनों का ही प्रयोग किया जा रहा है ताकि टेबल क्लॉथ अनचाहे दागों से बचा रहे। टेबल के किनारे और कुर्सी के सामने मैट्स को रखें। मैट्स में समान दूरी रखें।
डिनर प्लेट्स-प्लेट को मैट के ठीक बीच में रखें जिस व्यक्ति को खाना खाना है उसके बिल्कुल सामने। टेबल के किनारे से 2.5 से.मी. की दूरी पर। बाकी के बर्तन प्लेट के अनुसार ही रखें।
कटलरी-कटलरी को कैसे सजाना है यह आपकी पसंद और आपका भोजन किस तरह का है उस पर निर्भर करता है। चाकू और चम्मच प्लेट के राइट साइड में रखे जाते हैं और फोक लेफ्ट में। नाइफ का तेज किनारा अंदर की ओर घुमा कर रखा जाता है। कटलरी प्लेट से 1.5 से.मी. की दूरी पर होना चाहिए और वह भी सीधी लाइन मे। डेजर्ट कैसा है उसी के मुताबिक डेजर्ट कटलरी का चयन करें। इस प्लेट के ऊपरी हिस्से में सामने की ओर रखें।
गिलास-रंगीन गिलासों का प्रयोग न करें। नाइफ से ऊपर की ओर इसका मतलब पानी का गिलास लेफ्ट साइड में।
नेपकिन्स-नेपकिन्स को प्लेट की लेफ्ट साइड में रखें चाहें तो प्लेट के ऊपर या फिर गिलास के अंदर भी रख सकती हैं।
इंडियन स्टाइल-
प्लेट-हालांकि भारतीय भोजन में चपाती रसेदार सब्जी के साथ खाई जाती है इसलिए एक साइड प्लेट का होना जरूरी है। इसे डिनर प्लेट के लेफ्ट साइड में रखें। ध्यान रखें मैट पर डिनर प्लेट बीच में रहनी चाहिए। एक सीध में प्लेट्स होनी चाहिए। हाथ से खाने के कारण पानी के गिलास को प्लेट के लेफ्ट साइड में रखें।
बाउल-एक बड़ा बाउल जिसमें सब्जी होती है और छोटी कटोरियों में रायता डाला जाता है। इन्हें डिनर प्लेट के राइट साइड में रखा जाता है। भारतीय भोजन में केवल एक चम्मच, एक नाइफ और एक फोक का ही इस्तेमाल किया जाता है बजाय वेस्टर्न के। चाकू और चम्मच को प्लेट के राइट साइड में रखें और फोक को लेफ्ट पर। अगर सूप भी सर्व कर रही हैं, तो सूप बाउल को राइट साइड में रखें।
  वागीशा कॉन्टेंट प्रोवाइडर कंपनी

special post

कुमाऊंनी भाषा के कबीर रहीम की जोड़ी डा. अनुजा भट्ट

   हल्द्वानी जो मेरे बाबुल का घर है जिसकी खिड़की पर खड़े होकर मैंने जिंदगी को सामने से गुजरते देखा है, जिसकी दीवारों पर मैंने भी कभी एबीसी़डी ...